जानने योग्य बातें

ऑस्टिओ आर्थराइटिस (knee osteoarthritis/घुटने का घिसना ) बुजुर्गों मे घुटने के दर्द के प्रमुख कारणों में से एक है। भारत में विभिन्न अध्ययनों में 22% और 39% के बीच ऑस्टियोआर्थराइटिस पाया गया है। ऑस्टिओ आर्थराइटिस होने की सम्भावना उम्र के साथ बढ़ जाती है एवं ये बिमारी पुरुषों की तुलना में महिला को ज्यादा प्रभावित करती है । 65 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 70% लोगों में एक्स रे पर ऑस्टियोअर्थराइटिस ककेके लक्षण दिखाई देते हैं और इनमे से 45% मे घुटने का दर्द होता है ।

उम्र के साथ क्या होता है?

उम्र बढ़ने के साथ हमारे घुटने की चिकनी सतह जिस पर हम चलते है (आर्टिकुलर कार्टिलेज) मैं कुछ परिवर्तन आने लगते है जिससे वो घिसने लगती है।

आर्टिकुलर कार्टिलेज में उम्र सम्बंधित परिवर्तन में शामिल है : कोण्ड्रोसाइट्स (कार्टिलेज की कोशिकाएं) की संख्या में कमी, पानी की मात्रा में कमी, प्रोटोग्लाइकिन की मात्रा में कमी ( एक प्रकार का प्रोटीन )

ऑस्टिओ अर्थरिटिक घुटने का दर्द: उपचार क्या है?

ऑस्टिओ अर्थरिटिक के कारन होने वाले घुटने के दर्द का इलाज इसपर निर्भर करता है की आर्टिकुलर कार्टिलेज के क्षतिग्रस्त होने की तीव्रता कितनी है । क्षति की तीव्रता का अनुमान लगाने के लिए “वेट बेअरिंग एक्स रे”( खड़े होकर घुटनों के एक्स रे)की आवश्यकता होती है। जब हम सामान्य वेट बेअरिंग एक्स रे को देखते हैं तो जांघ और पैर की हड्डियों के बीच एक खाली जगह(गैप) दिखती है। दरअसल यह खाली जगह आर्टिकुलर कार्टिलेज है जो एक्स रे में नहीं दिखती है (नीचे एक्स रे में लाल रंग में चिह्नित)।

अगर ये अंतर(गैप) एक्स रे में कम दिखाई देता है तो यह जॉइंट कार्टिलेज की हलकी टूट फुट को दर्शाता है । ऑस्टियोअर्थराइटिस के शुरुआती चरणों में यह अंतर कम हो जाता है लेकिन एडवांस्ड ऑस्टियोअर्थराइटिस के साथ, यह अंतर पूरी तरह से ख़तम हो जाता है ।

शुरूआती ऑस्टिओ आर्थराइटिस:

ऑस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती चरणों में सबसे प्रभावी उपचार के अंतर्गत आता है : जांघ के मांसपेशियों की कसरत (क्वाड्रिसप्स व्यायाम), पेन किलर जैसे कि डाइक्लोफेनेक, पेरासिटामोल आदि। लाइफस्टाइल संशोधन में शामिल है : सीढियाँ चढ़ने से बचना और उकड़ूँ बैठना , एक दम से नीचे से खड़े होना । वजन घटाने और चलने वाली छड़ी के उपयोग से सही होने की प्रक्रिया मे मदद मिलती है। मांसपेशियों की शक्ति में सुधार के लिए क्वाड्रिसेप्स मजबूत करने वाली और एरोबिक एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है । हॉट फॉमेंटशन और TENS (ट्रांसक्यूटेशनल इलेक्ट्रिक नर्व थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी का एक प्रकार) दर्द से राहत प्रदान कर सकता है।

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और हयलुरोनिक एसिड ऑस्टियोआर्थराइटिक घुटने के दर्द के लिए उपयोग किए जाने वाले दो सबसे आम घुटने के इंजेक्शन होते हैं। इंजेक्शन हयलुरोनिक एसिड अपेक्षाकृत सुरक्षित और अधिक सामान्य रूप से उपयोग किया जाता है। इसके अधिकतम प्रभाव दिखने में 5-6 सप्ताह लगते हैं। कॉर्टिकोस्टेरॉयड इंजेक्शन कुछ दिनों के भीतर महत्वपूर्ण राहत प्रदान करते हैं। हालांकि, जबकि हाइलूरोनिक एसिड के प्रभाव लंबे समय तक चलते हैं (6 महीने या उससे अधिक) कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन से दर्द राहत कुछ हफ्तों के भीतर कम हो जाती है। हालांकि कोर्टिकोस्टेरॉइड्स के कई प्रयोगों की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि ज्यादा इंजेक्शन कार्टिलेज ख़राब का कारण बन सकता है और दर्द बढ़ सकता है। कई अन्य दवाओं का आमतौर पर उपयोग किया जाता है लेकिन प्रभाव अनिश्चित रहता है और अमेरिकी ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के नवीनतम दिशानिर्देश ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज के लिए इन दवाओं की सिफारिश नहीं करते हैं। इनमें रोज हिप एक्सट्रेक्ट , कोलेजन प्रेपरेशन , बोस्वेलिआ सेरेटा एक्सट्रेक्ट आदि शामिल हैं।

प्लेटलेट रिच प्लाज़्मा का इंट्राआर्टिक्युलर इंजेक्शन, जिसमे कई ग्रोथ फैक्टर होते हैं OA के इलाज में एक भरोसेमंद उपचार के रूप में उभरा है। पीआरपी कोशिकाओं के निर्मान और कोलेजन प्रोटीन बनाने को उत्तेजित करता है।

गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित जोड़ों में घुटने की दोनो हड्डियों जे बीच गैप बिल्कुल खत्म भी हो सकता है। दूसरे लक्षण जो गंभीर ऑस्टियोअर्थराइटिस को दर्शाते हैं वो है पैरों का अंदर या बाहर की तरफ मुड़ जाना और पेर पूरी तरह सीधे या मुड़ने मैं असमर्थता होना। प्रधान रूप से जॉइंट रहूमटॉइड आर्थराइटिस के अंदर के खाने (कम्पार्टमेंट) को काम करता है , जिसमे अन्द्तरिक एवं बाहरी दोनों खाने शामिल है ।

रहेउमोटोइड आर्थराइटिस मैं घुटने का गैप अंदर व बाहर दोनो तरफ कम होता है।

ओस्टिओअरट्रिटिस में सामन्यतः जॉइंट का भाहरी भाग शामिल होता है

हाथो के छोटे जोड़ो मैं भी ऑस्टिओआर्थरिटिस हो सकता हैं

गंभीर ऑस्टियोआर्थराइटिस का उपचार अनिवार्य रूप से सर्जरी है और इसमें आंशिक (यूनिकॉन्डिलर) या पूर्ण घुटने के बदलना (टोटल नी रिप्लेसमेंट) शामिल हैं। शुरुआती चरणों में जब जोड़ो का केवल एक खाना ही शामिल होता है , कुछ सर्जिकल प्रोसीजर जैसे की हाई टिबियल ओस्टोमी, प्रोक्सिमल फिबुलर ओस्टोमी दर्द में रहत दे सकते है।

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TESTIMONIAL

मेरा दाए पैर में  चोट लगने के कारण टेढ़ा हो गया था जिसकी वजह से मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे सीधा किया. में बिलकुल ठीक हूँ .

Bharat Lal

मेरी बेटी के घुटने में इन्फेक्शन होने के कारण वो दर्द की वजह से सो भी नहीं पाती थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे ठीक किया. बहुत धन्यवाद।

Ramji Lal

remember that Dr. Jain came out from his clinic to see my mother because my mother was not able walk a single step. He did total knee replacement on both side and now my mother is walking without aid.

Mr. Manoj

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