Chondromalacia Patella in hindi

कोंड्रोमलेसिया पटेला एक घुटने की समस्या है जिसमे घुटने की कैप/पाली (patella)के पीछे की कार्टिलेज( चिकनी सतह जिस पर पटेला मूव करता है) घिसने/damage होने लगता है।

यह समस्या महिलाओं मैं पुरुषो से ज्यादा होती है और 15 से 35 साल के आयु वर्ग मैं ये देखी जाती है।

कारण: घुटने की चोट, घुटने मैं स्टीरॉयड के इंजेक्शन पटेला की कार्टिलेज खराब होने के प्रमुख कारण है। जिन लोगो मैं चपटे पांव (flat feet) होते है या पटेला सामान्य से ज्यादा ऊपर या नीचे स्थित होता है ( patella Alta/ patella Baja), उनमें भी यह समस्या औरों से ज्यादा होती।अन्य कारणो मैं  असामान्य साइनोवियल प्लाइका ( thickened synovial plica/ घुटने की अंदर की झिल्ली), नोक नी( टांगो का बाहर की तरफ तिरछा हो जाना/ genu valgum), पटेला की असामन्य मूवमेंट (patellar maltracking) प्रमुख है।

लक्षण: घुटने के सामने वाले हिस्से मैं पटेला के सेंटर मैं दर्द होना मुख्य लक्षण है( front knee pain)। ये दर्द कुछ एक्टिविटीज के बाद और बढ़ जाता है जैसे सीढ़िया चढ़ना और उतरना, दौड़ना, उकडू (squats) बैठना, आदि। एक जगह कुर्सी पर काफी देर तक बैठ कर उठने के बाद घुटने मैं जकड़न(stiffness)लगाना भी इसका एक प्रमुख लक्षण है। वो हर एक्टिविटी जिसमे घुटना 90 डिग्री से ज्यादा मुड़ता है घटने मैं दर्द कर सकती है।

कोंड्रोमलेसिया का उपचार:

  1. एक्टिविटी मोडिफिकेशन, मतलब की आप वो सभी काम कम या बंद कर दे जिसमे घुटने को 90 डिग्री से ज्यादा मोड़ना पड़ता है, यही इसका प्रमुख उपचार है। कोंड्रोमलेसिया पटेला के मरीजों को सीढ़िया चढ़ना, उकडु बैठना, जमीन पर बैठना, दौड़ना, आलथी पालथी ( sitting cross legged on floor) बनाना बंद कर देना चाहिए।  योग और एक्सरसाइज जिसमे घुटना 90 डिग्री से ज्यादा मुड़े वो भी नही करना चाहिए।
  2. दवाइया: इसके लिए कोई निश्चित दवाई नही आती है। दर्द निवारक (pain killers) दवाइया आप ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह पर ले सकते है। घुटने मैं स्टीरॉयड के इंजेक्शन ना लगवाए, ये कार्टिलेज को और खराब करेगा।
  3. कसरत ( exercises): कुछ कसरत करने से इस बीमारी मैं आराम मिलता है। नीचे बताई गई कसरत आप नियमित रूप से करे। यदि कसरत करने से आपको दर्द बढ़ रहा हो तो कसरत करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह ले।

कसरत जो घुटने पर जोर नही डालती ( ये आप आराम से कर सकते है) : स्विमिंग( तैरना), वॉकिंग ( चलना)

कसरत जो आप कर सकते है यदि करने मैं दर्द न हो तो : साइक्लिंग, straight leg lifting( SLR) , हैमस्ट्रिंग कर्ल्स (hamstring curles), लेग  प्रेस (leg press).

कसरत जो आपको नही करनी चाहिए : स्क्वाट ( squat), लंजेज ( lunges) , लेग एक्सटेंशन ( leg extension), ट्रेडमिल ( treadmill) , जुंबा ( jumba) एरोबिक्स (aerobics )— जंपिंग, रोप स्किपिंग, रनिंग( दौड़ना).

जो कसरत आपको करनी चाहिए वो नीचे विस्तार से दी गई है—

  1. जाँघ की मांसपेशी की कसरत (Quadriceps isometric exercises)
    लेटे हुए चित्रानुसार एक तौलिया घुटने के नीचे रखे व 10 सैकिण्ड़ तक दबाये फिर छोड़ दे और पाँच सैकिण्ड़ तक आराम करें। ऐसा दस बार करे व दिन में तीन बार दोहराये।

  2. Wall slide (Mini wall squat, 30°) : – चित्र में दिखाये अनुसार दीवार के सहारे खड़े होये। घुटनों को 30 डिग्री तक मोड़ते हुए दीवार के सहारे कूल्हों को जमीन की तरफ खिसकाये। 10 सैकिण्ड़ तक ऐसा ही करे। फिर 1 सैकिण्ड़ तक सीधा खड़े होकर आराम करें। ऐसा दस बार करे व दिन में तीन बार दोहराये।
  3. लेट कर सीधे पांव को उठाना ,( Straight leg lift )— आप चित्र मैं दिखाए अनुसार लेट जाए और बिना घुटना मोडे पांव को सीधा उठाए। उठाकर 10 सेकंड्स तक ऐसे ही रखे। फिर वापस नीचे ले जाए और 1 सेकंड रिलेक्स करे। ऐसा 10 बार दोहराएं और सुबह शाम करे।
  4. हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच ( hamstring stretch)—आप चित्रानुसार किसी स्टूल पर पांव रख कर खड़े हो जाए। स्टूल वाले पांव का घुटना सीधा रखते हुए धीरे धीरे आगे झुके। आपको अपनी जांघ के पीछे के हिस्से मैं खिंचाव महसूस होगा। इसे 15—20 सेकंड्स तक रोके। ऐसा 3 से 5 बार दोहराएं।
  5. वाल पुश (दीवार द्वारा)/ calf ( पिंडली ) स्ट्रेच: चित्रानुसार दीवार की ओर झुकें और अपनी काफ मसल को स्ट्रेच (खींचना) करें । अपनी एड़ी जमीन से उठने मत दो। 15 सेकंड के लिए खींचते रहें और इसे 10 बार दोहराएं। दिन में 2 बार करिये । इस एक्सरसाइज को घुटने मोड़कर भी दोहराइये ।
  6. लेटरल हिप एंड थाई स्ट्रेच( lateral hip and thigh stretch): दाई (right) थाई को स्ट्रेच करने के लिए राइट पांव को लेफ्ट के पीछे ले जाए। अब लेफ्ट साइड चित्रानुसार कमर से झुके। आपको अपने राइट हिप के बाहरी हिस्से मैं स्ट्रेच या खिंचाव महसूस होगा। इसे 15से 20 सेकंड्स तक होल्ड करे या बनाए रखे।3 से 5 बार दोहराएं।
  7. साइड लेट कर पांव को ऊपर करना( side lying leg raise) :  ये एक्सरसाइज हिप ज्वाइंट की ग्लूटियस मीडियस (gluteus medius) मांसपेशी को मजबूत करती है। इस मांसपेशी की मजबूती जांघ और घुटने को स्थायित्व (stability) देती है। चित्रानुसार करवट लेट कर अपने एक पांव को ऊपर करे और 10 सेकंड्स तक रोके। इसे 10 बार दोहराएं।
  8. क्लैमशेल (Clamshell): . ये कसरत हिप ज्वाइंट की मांसपेशियों ( ग्लूटियस मीडीयस एंड एक्सटर्नल रोटेटर्स) को मजबूती देती है। इन मांसपेशियों के कमजोर होने से घुटने पर बहुत स्ट्रेस बढ़ जाता है।
    अपनी एक साइड पर लेट जाए और घुटने मोड़ ले। अब ऊपर वाले पांव के घुटने को इस तरह से उठाए की दोनो एंकल ज्वाइंट( पंजे) अलग न हो। इस दौरान अपने कुल्हे और बॉडी को सीधा रखे। 1 से 2 सेकंड्स तक घुटने को ऊपर उठा कर रखे। अब वापस घुटने को नीचे करले। 10 से 15 बार ये एक्सरसाइज करे। ऐसा 2 बार दोहराएं।
    ये एक्सरसाइज चित्र मैं दिखाए अनुसार दोनो जांघो के चारो और एक रेजिस्टेंस बैंड ( एक तरह का इलास्टिक बैंड/thera band/ elastic band) बांध कर भी की जा सकती है। इससे इन मांसपेशियों की ताकत और जल्दी और ज्यादा बढ़ती है।
  1. हिप एक्सटेंशन लेग रेज (Hip extension leg raises ): ये कसरत ही ज्वाइंट की ग्लूटियस मैक्सिमस और जांघ की क्वाड्रीसेप्स मसल्स को मजबूती देती है और घुटने के साथ पूरे पांव के कंट्रोल को मजबूती देते हुए बेहतर बनाती है। ग्लूटियस मसल्स के कमजोर होने से घुटने पर स्ट्रेस बढ़ जाता है, इसीलिए इन मांसपेशियों का मजबूत होना जरूरी है।

अपने पेट के बल लेट कर, चित्र मैं दिखाए अनुसार अपने पांव को घुटने को बिना मोडे ऊपर उठाए। ऊपर उठाने के लिए आप अपनी कुल्हे और जांघ की मांसपेशियों को कम मैं लेते है, इसलिए इन मसल्स मैं आपको प्रेशर महसूस होगा। इस स्थिति को 5 सेकंड्स तक बनाए रखे, फिर धीरे धीरे नीचे करले। 10 से 15 बार दोहराएं।।

यदि ये कसरत करते हुए और एक्टिविटी मोडिफिकेशन से भी आपको फायदा नहीं हो रहा है तो आप को अर्थरोस्कोपी सर्जन से आर्थ्रोस्कोपिक उपचार के बारे मैं सलाह लेनी चाहिए।

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dr. jitesh jain's introduction

TESTIMONIAL

मेरा दाए पैर में  चोट लगने के कारण टेढ़ा हो गया था जिसकी वजह से मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे सीधा किया. में बिलकुल ठीक हूँ .

Bharat Lal

मेरी बेटी के घुटने में इन्फेक्शन होने के कारण वो दर्द की वजह से सो भी नहीं पाती थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे ठीक किया. बहुत धन्यवाद।

Ramji Lal

I remember that Dr. Jain came out from his clinic to see my mother because my mother was not able walk a single step. He did total knee replacement on both side and now my mother is walking without aid.

Mr. Manoj

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ACL Reconstruction is a surgical procedure to reconstruct the ligament in the center of your knee in order to restore its function after an injury.

Arthroscopic surgeries are key hole surgeries for joint disorders. They offer less hospital stay and speedy recovery.

A painful injury where the upper arm bone dislocates out of its normal position with significant damage to the surrounding soft tissues.

A common sports injury which usually happens over time from normal wear and tear of muscles and tendons.

A surgical procedure that involves replacing a damaged, worn or diseased knee with an artificial joint to restore knee’s movement.

We offer latest arthroscopic and minimally invasive single and double row rotator cuff repair in cases of rotator cuff tear.

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