एसीएल लिगामेंट सर्जरी के बाद पुनर्वास

घुटने पर चोट लगने के बाद पुनर्वास का प्राथमिक उद्देश्य सूजन कम करने एवं जोड़ की पूर्वावस्था को प्राप्त करना होता है। इसे प्राप्त करने के लिए चोट लगने के बाद अगले दो-तीन दिन तक प्रत्येक दो घंटे में 20 मिनिट तक घुटने पर बर्फ का सेक करे। इससे सूजन व दर्द कम होने में सहयोग होता है। सूजन एवं दर्द समाप्त होने के पश्चात् जोड़ की कसरत आरम्भ करें (चित्र 1 से 5)। जब घुटना 90 डिग्री तक मुड़ने लगे तब सर्जरी की जा सकती है। इसमें सामान्यतः 2 – 3 हफ्ते का समय लगता है।

सर्जरी के बारे मेंः-
सर्जरी का उद्देश्य जोड़ को स्थायित्व देना है। इसके लिए हेमस्टिंग नामक
मांसपेशियों का उपयोग करके टूटे हुए एसीएल को पुनः बनाया जाता है। घुटने के नीचे एक छोटे से चीरे द्वारा हेमस्टिंग के तन्तु को निकाला जाता है। बाकी की सर्जरी एक छोटे से छेद के माध्यम से एक कैमरा लगाकर की जाती है। हैमस्टिंग ग्राफ्ट को जांघ व पैर की हड्डी में एक बटन व स्क्रूट से दूरबीन (आथ्र्रोस्कोप) की सहायता से जोड़ दिया जाता है।

आॅपरेशन के पश्चात्ः-
सर्जरी के पश्चात् घुटने को सहारे के लिए एक ब्रेस दिया जाता है एवं मरीज
को वार्ड में भेज दिया जाता है। अगले दो हफ्ते घुटने को ब्रेस के सहारे की आवश्यकता रहती है। पहले हफ्ते में मुख्य उद्देश्य दर्द एवं सूजन को कम करना होता है इसके लिए ब्रेस हटाकर हर दो-तीन घंटे में 15-20 मिनिट के लिए बर्फ से सिकाई की जाती है। पैर को एक-दो तकीये के उपर रखा जाता है। कसरत के समय ब्रेस को हटाया जाता है एवं फिर से पहनना होता है। जब तक टांके नहीं निकलते घुटने को गिला नहीं करना होता है। पैर लटकाकर ज्यादा देर नहीं बैठना है सिर्फ कसरत के समय पैर लटका सकते है। सर्जरी के पश्चात् घुटने पर कुछ सूजन सामान्यतः रहती है।
हैमस्टिंग के तन्तु जो सर्जरी में निकाले जाते है, को ठीक होने में छह हफ्ते लगते है। तब तक घुटना सीधा रखकर आगे नहीं झुकना है।

सर्जरी के बाद चलनाः-
पहले दो हफ्ते तक घुटने को ब्रेस के सहारे बांधकर बैसाखी के सहारे चलना होता है। सर्जरी वाले घुटने पर आप पूरा वजन डाल सकते है।

कितनी बार कसरत करेंः-
दिन में तीन-चार बार कसरत करनी होती है जब तक की किसी कारण से मना ना हो।

महत्वपूर्ण सवाल एवं जवाबः-

1. मैं अपना काम फिर से कब शुरू कर सकता हूँ ?
बैठने का कार्य एक महीने में शुरू कर सकते है। भारी कार्य जैसे- पुलिस, सेना, मजदूरी आदि कम से कम 6 से 12 हफ्ते के बाद शुरू कर सकते है।
2. मैं कार कब चला सकता हूँ ?
जब आप गति एवं सामान्य प्रतिक्रिया समय सीमा को पुनः प्राप्त कर ले, इसमें चार से छह हफ्ते का समय लगता है। 12 हफ्ते के बाद मोटर साईकिल चला सकते है।
3. मैं भागना कब शुरू कर सकता हूँ ?

दो महीने में सीधी रेखा पर तेज चलना (जोगिंग) एवं तीन-चार महीने में भागना शुरू कर सकते है।
4. सीढ़ी चढ़ना व उतरना कब शुरू कर सकते है ?

दो हफ्ते में।
5. व्यायाम व अन्य शारीरिक उपचार कब तक करने है ?
पुनर्वास का मुख्य व अन्तिम लक्ष्य शारीरिक शक्ति विकसित करना है ताकि आप फिर से खेल शुरू कर सके। सामान्यतयाः इसमें छह से नौ महीने का समय लगता है। छह महीने तक एक समर्पित अभ्यास कार्यक्रम की आवश्यकता होती है। यह अनुशंसा की जाती है कि आप सर्जरी के पश्चात् व्यायाम शाला (जिम) जोईन करे क्योंकि कई अभ्यासों में जिम की मशीनों की आवश्यकता होती है।
6. सर्जरी कितनी लम्बी होती है ?
सर्जरी में एक से दो घंटे का समय लग सकता है। यह अन्य चोटों की उपस्थिति पर भी निर्भर करता है।

सर्जरी के बाद पुनर्वास प्रोटोकाॅल (0 से 2 हफ्ते)

पहले दो हफ्ते में आप बैसाखी के सहारे चलते है। आप आॅपरेशन किये हुएपाँव पर पूरा वजन डाल सकते है। पहले दो हफ्ते में पुनर्वास का उद्देश्य घुटने की सामान्य चाल को वापस लाना होता है। इसके लिए निम्न व्यायाम किये जाते है:-

1. हील प्रोप्स (Heel Props)
एक तौलीये को गोल करके उस पर ऐड़ी रखे एवं उसको 5 सेकंड तक दबाये। फिर 5 सेकंड आराम करे। इसे हर घंटे में 10 मिनिट करे। इससे पाँव को सीधा करने ;ज्ञदमम म्गजमदेपवदद्ध में सहायता मिलती है।

2. प्रोन हेंग कसरते (Prone Hang Exercise)
उल्टा लेटे एवं टेबल के एक छोर पर दोनों पैरों को दो-तीन मिनिट तक घुटने से लटकने दे। दिन में ऐसा तीन-चार बार करे। आप नं.1 या नं.2 में से कोई सी भी एक कसरत कर सकते है।

3. पेसिव फ्लेक्शन (Passive Flexion)
पलंग या कुर्सी के छोर पर बैठे एवं घुटने को जितना हो सके मोड़े। दूसरे पैर की सहायता ले सकते है। 5 सेकंड तक मोड़ कर रखे और फिर छोड़ दे। दिन में तीन-चार बार (5 मिनिट हर बार) के लिए करें।

4. हील स्लाईड्स (Heel Slide)
पलंग पर बैठे एवं चित्र में दिखाये अनुसार एक बैल्ट या दुप्पटे की मदद से ऐड़ी को कूल्हे की और खींचने का प्रयास करे। 5 सेकंड तक रोके, फिर पैर को सीधा करके आराम करे। दिन में तीन-चार बार 5 मिनिट के लिए करें।

5. स्थिर साईकिल की सवारी (Stationary Bicycle )
7- से 14 दिन के बाद जब आपके घुटने 90 डिग्री से ज्यादा मुड़ने लगे तब आप स्थिर साईकिल चलाना शुरू कर सकते है। हर हफ्ते दो मिनिट का समय बढ़ाये जब तक हफ्ते में 20 मिनिट ना हो जाये।

इस तरीके से आगे बड़ेः- शुरू में आधा चक्र आगे/पीछे लगाये।
धीरे-धीरे पूरे चक्कर पर आ जाये। शुरू में बिना प्रतिरोध के करे एवं धीरे -धीरे प्रतिरोध बढ़ाये।
इस समय तैराकी शुरू कर सकते हैं। ऊपर  बतायी गयी कसरते आपकी घुटने की सामान्य चाल (Range of Motion) को वापस लाने में मदद करती है।

कसरतें जो पाँव की ताकत बढ़ाती हैः-

1. जाँघ की मांसपेशी की कसरत (Quadriceps isometric exercises)
लेटे हुए चित्रानुसार एक तौलिया घुटने के नीचे रखे व 10 सैकिण्ड़ तक दबाये फिर छोड़ दे और पाँच सैकिण्ड़ तक आराम करें। ऐसा दस बार करे व दिन में तीन बार दोहराये।


2.स्क्वेट (Mini wall squat, 30°) : – चित्र में दिखाये अनुसार दीवार के सहारे खड़े होये। घुटनों को 30 डिग्री तक मोड़ते हुए दीवार के सहारे कूल्हों को जमीन की तरफ खिसकाये। 10 सैकिण्ड़ तक ऐसा ही करे। फिर 5 सैकिण्ड़ तक सीधा खड़े होकर आराम करें। ऐसा दस बार करे व दिन में तीन बार दोहराये।


3. लॅन्ज (Static lunges): चित्र में दिखाये अनुसार व्यायाम करे व 10 सैकिण्ड़ तक रोके, फिर कुछ सैकिण्ड़ के लिए सीधा होकर आराम करे। ऐसा दस बार करे व दिन में दो बार दोहराये।


4. एड़ी उठाना (Heel raises) :- चित्रानुसार पंजे पर खड़े होये व 5 सैकिण्ड़ तक खड़े रहे। फिर धीरे-धीरे नीचे आये व रिलेक्स करे। दिन में ऐसा तीन बार दोहराये व हर बार दस दफा करे।


5. कूल्हे की कसरतः- चित्र में दिखाये अनुसार सभी कसरते करें। हर बार 5 सैकिण्ड़ के लिए रोके फिर रिलेक्स करें। ऐसा दिन में तीन बार करे, हर बार दस दफा दोहराये।


साईड लेटकर पाँव ऊपर उठाना।


उल्टा लेटकरी पाँव ऊपर उठाना।


खड़े होकर पाँव आगे-पीछे व साईड में खोलना।

प्रोप्रियोसेप्शन (Proprioception exercises) कसरतें

यह कसरतें आपका बैलेन्स बनाने में मदद करती है। इससे पुनः गिरने व चोट लगने की भविष्य में संभावनाऐं कम हो जाती है।
1. एक पाँव पर 30 से 60 सैकिण्ड़ खड़े होनाः-
अपने सर्जरी किये हुये व सामान्य पाँव पर बारी-बारी खड़े होये व 30 से 60 सैकिण्ड़ तक खड़े रहे। ऐसा दो बार करे व दिन में तीन बार दोहराये। जब आप आराम से यह करने लगे तो इसी कसरत को आँख बंद करके करने का प्रयास करें।

2. वॉब्बल बोर्ड पर खड़े होना (Wobble boards standing) –
ये एक तरह का बैलेंस बोर्ड होता है जिस पर खड़े होकर लड़खड़ाने की वजह से बैलेंस बनाना मुश्किल होता है। इस पर कसरत करने के लिए आपको फिजियोथैरेपी सेन्टर जाने की जरूरत पड़ सकती है। पहले दोनों पाँवों पर खड़े होये, जब आप 30 से 60 सैकिण्ड़ बिना लड़खड़ाये खड़े रहने लगे तो फिर एक पाँव से अभ्यास करें। शुरू के छह सप्ताह तक आप किसी टेबिल या बार का सहारा ले सकते है। छह हफ्ते के बाद बिना किसी सहारे के करने का अभ्यास करें।
यदि आप फिजियो थेरेपिस्ट के पास नहीं जा सकते तो नीचे दी गई कुछ कसरते आप घर पर भी कर सकते है 1⁄4आगे देखें1⁄2, जो आपका बैलेंस बनाने में मदद करती है।

2-6 हफ्ता
अब आप बिना ब्रेसेज/बैसाखी की मदद के चल सकते है। अभी तक बतायी गयी कसरते नियमित रूप से चालू रखे व नीचे दी गयी कसरते शुरू करेंः-

  1. उल्टा लेटकर टांग मोड़नाः- बिस्तर पर उल्टा लेटकर अपने
    घुटने मोड़े। अपने आॅपरेशन किये हुये टांग को मोड़ने के लिए आप दूसरे पैर की मदद ले सकते है। मोड़ने के बाद 5 सैकिण्ड़ रोके व फिर आप 5 सैकिण्ड़ आराम करें। ऐसा 5 मिनिट तक करें व दिन में तीन-चार बार दोहराये।
  2. हेमस्टिंग (जाँघ की पीछे की मांसपेशियाँ) की कसरतेंः– ये कसरते चार माह पर चालू करें। चित्र में दिखाये अनुसार घुटने को मोड़कर बैठे। अब बिना पाँव अपनी ओर खींचे ऐड़ी को नीचे दबाये। 10 सैकिण्ड़ के लिये रोके और 5 सैकिण्ड़ के लिए रिलेक्स करें। ऐसा दस बार करे व दिन में तीन बार दोहराये।
  3. जाँघ के सामने की मांसपेशियाँ (क्वाड्रिसेप्स)की कसरते: – कुर्सी पर बैठकर 90 डिग्री तक घुटना मोड़े। अब पाँव सीधा करे। पाँव पूरा सीधा ना करके 90 से 30 डिग्री तक ही सीधा करें। अब 10 सैकिण्ड़ रोके फिर रिलेक्स करें। ऐसा दस बार करे तथा दिन में तीन बार दोहराये। ध्यान रहे कि पाँव पूरा सीधा ना करे, ऐसा करना आपके नये लिगामेंट पर तनाव डाल सकता है।
  4. लेगप्रेसः- यह कसरते आपको जिम में करनी होती है। चित्रानुसार अपने पास की जिम में दो-तीन किलो से शुरू करें व धीरे-धीरे वजन बढ़ाये। प्रतिदिन 10 मिनिट करें। दो-तीन हफ्ते बाद आप एक पाँव से भी लेगप्रेस कर सकते है। ये कसरत आपकी जाँघ के सामने की मांसपेशी को ताकत देती है।
  5. लेग एक्सटेंशनः- यह भी जाँघ के सामने की मांसपेशी की कसरत है। चित्रानुसार प्रतिदिन 10 मिनिट जिम में करें। धीरे-धीरे उठाने वाला वजन बढ़ाते जाये।
    आप नं. 4 या 5 में से कोई सी भी एक कसरत कर सकते है।
  6. स्टेयर मास्टर- इस मशीन पर भी आप जिम में ही कसरत कर सकते है। इस पर आप कूल्हे, जाँघ व टाँगों की मांसपेशियों की कसरत एक साथ कर सकते है। शुरू में 10 मिनिट करे व धीरे-धीरे 20
    मिनिट प्रतिदिन तक बढ़ाये।
  7.  हैमस्ट्रिंग कर्लस- :- यह कसरत आपकी जाँघ के पीछे की मांसपेशियों को ताकत देती है। ये आप आॅपरेशन के छह हफ्ते के बाद शुरू कर सकते है। नीचे दिये चित्रानुसार जिम में ये कसरत उल्टा लेटकर ना करे। हेमस्टिंग की कसरतें मशीन पर सीधा बैठकर करें। दोनों तरह की मशीनें जिम में होती है। आप शुरूआत में सबसे कम वजन से शुरू करें व दो-तीन किग्रा. प्रति सप्ताह वजन बढ़ाये। यदि यह कसरत करते हुए जाँघ के पीछे दर्द हो तो तो वजन या समय या दोनों को कम कर दे।
  8. एलिप्टिकल क्रास ट्रेनर: – यह मशीन भी जिम में होती है। इस पर आप 20 से 30 मिनिट प्रतिदिन कसरत करें। यह आपकी जांघ व टांगों की मांसपेशियों को ताकत देती है। इससे हाथों की मांसपेशियों की भी कसरत होती है।
  9. स्क्वेटिंग:- 600 तक चित्रानुसार स्क्वाट करें। 10 सेकंड होल्ड करें फिर 5 सेकंड रिलेक्स करें। ऐसा 10 बार करें व दिन में दिन बार करें।
  10. कोर बॉडी स्ट्रेन्ग्थ:– पेट व कमर की मांसपेशिया शरीर का कोर बनाती है। इनकी करारते खिलाडियों की शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।
    पेट की कसरतें- सीधा लेट कर पेट को अंदर खींचे व 10 सेकंड रोके। ऐसा 10 बार करें व दिन में 2-3 बार दोहरायें।
    क्रन्चेज – घुटने मोडकर सीधा लेटें। अपनी बाजुओं को छाती से लगायें। अब पेट को अन्दर खींचे और धीरे-धीरे कन्धे, कमर के ।̊पर का हिस्सा व सिर को 5-10 इंच ऊपर  उठायें। कुछ सेकंड रोके व धीरे धीरे नीचे लायें। ऐसा 10 से 15 बार करें।

    रिवर्स क्रन्चेज – सीधा लेटें व हाथ को कमर के दोनों साइड में रखें। पेट अन्दर खींचे, घुटने मोडे व कमर और कूल्हे उठाते हुए घुटनों को छाती की तरफ ले जायें। कुछ सेकंड रोके फिर धीरे-धीरे जमीन पर वापिस सीधा करें। ऐसा 10 से 15 बार दोहराये।

प्रोप्रियोसेप्शन कसरते:-
पहले बतायी गयी प्रोप्रियोसेप्शन कसरतें करते रहे व नीचे दी गयी नयी कसरते शुरू करें।

1. एक टांग के पंजे पर खडे होयें:- 5 से 10 सेकंड रोके व फिर सामान्य हो जायें। ऐसा 10 बार करें।

2. एक टांग पर आँख बन्द करके खड़े होये:- 5 से 10 सेकंड रोके व फिर आँख खोल ले। ऐसा 10 बार दोहराये।

3. एक टांग पर खड़े होयें व चित्रानुसार सर, बांह व धड़ की विभिन्न अवस्था बनाये। हर अवस्था को 5 से 10 सेकंड रोके व फिर सामान्य हो जायें। ऐसा 10 बार दोहराये।

कुल्हे की कसरते:-
ये आप थेरा बैण्ड 1⁄4ये एक तरह का इलास्टिक बैण्ड होता है, जो विभिन्न कलर में आता है1⁄2 शुरू में आप पीला या हरा कलर लें। खड़े होकर पांव से थेरा बैण्ड को चित्रानुसार साइड में, पीछे व 450 डिग्री के कोण पर खीचें। हर बार खीच कर 5 सेकंड के लिए रोकें। ऐसा 10 बार करें व दिन में तीन बार दोहरायें।

6 से बारह हफ्ते:-

आप ऊपर बतायी गई कसरतें (स्क्वाट, लेग प्रेस, लेग कर्ल, पंजे पर खड़े होना, साईकिल चलाना, एलिप्टिकल क्राॅस ट्रेनर) आदि करते रहे व निम्नलिखित कसरतें व शुरू करें-

  1. अब आप 600 से बढ़ाकर 900 तक स्क्वाट कर सकते हैं।
  2. ओपन चैन क्वाडिंसेप्स कसरतें (बैठकर)- आप कुर्सी पर पांव लटकाकर बैठें
    व एक-एक कर दोनों पांव सीधा करें। (90 डिग्री से 0 डिग्री ) 10 सेकंड से रोके व
    फिर रिलेक्स करें। ऐसा 10 बार करें व दिन में तीन बार दोहरायें।
  3. ओपन चैन क्वाडिंसेप्स कसरतें (लेटकर)- आप सीधा जमीन पर या पलंग पर
    लेटे व जांघ की मांसपेशियों को खीचें (muscle contraction)। ये आपके घुटने को लॉक् कर देगा व ऐसा करने से ACL ligament पर तनाव (स्ट्रेस) नहीं आयेगा। अब आप पांव को 45 डिग्री ऊपर तक उठाये व 10 सेकंड तक रोकें फिर रिलेक्स करें। ऐसा 10बार करें व दिन में 2 बार दोहरायें।
  4. कार्डियावेस्कुलर फिटनेस – (कसरतें जो आपके हृद्य को दुरूस्त रखती है।) आप अब ट्रेडमिल (treadmill) शुरू कर सकते हैं। जोगिंग आप 2 माह पर शुरू कर सकते हैं। शुरू में 1 कि.मी. से शुरू व हर हफ्ते 500 मीटर बढ़ायें।

12से24हफ्ते –

  1. आप ऊपर बतायी गई कसरतें चालू रखें व ऐजीलिटी ड्रिल शुरू करें। ऐजीलिटी ड्रिल आपकी तेजी से मूव करने व दिशा बदलने मदद करती है। ये आपको वापस खेल शुरू करने के लिये जरूरी आत्मविश्वास देती है।
    1. उल्टा दौडें यह एक बहुत प्रभावी डिंल है, विशेषतः उन खेलों के लिये जिनमें लम्बे समय तक पांव की ताकत का इस्तेमाल होता है, जैसे- फुटबाल, हॉकी आदि। शुरू में धीमी गति से दौडे व धीरे-धीरे गति बढ़ाये। 50 से 60मीटर दौडे व 5 से 10 बार दोहरायें।
    2. हाई नी ड्रिल दौड़ते हुए घुटने को जितना ऊपर उठा सकते हैं उठायें। 30 सेकंड दौड़े व दो बार दोहरायें।
    3. ची कूद – सीधा खड़ा होवे व पांव को कंघे की चैड़ाई जितना खोलें। अब आप कुल्हों, घुटनो व पंजों को मोडे की घुटने 90 डिग्री तक मुड जायें। अब सीधा ऊपर उछले (जितना ज्यादा आप उछल सके)। जमीन पर वापस आते समय घुटनो को थोड़ा सा मोड़कर रखें। ऐसा 15 से 20 बार दोहरायें।
    4. कैरिओका इसमें आपको तेज गति से शरीर के एक साइड में चलना होता है। पहले अपने दायें पांव को शरीर के सामने से क्रॉस कराते हुए बायें पांव के साइड में लाये। अब बायें पांव को दांये के साइड में लाये और दांये पांव को शरीर के पीछे से क्रॉस कराते हुए बायें पांव के साइड में लायें। फिर बायें पांव को दायें के साइड में लायें। इस तरह आप हर स्टेप के साथ साइड में चलते/दौडते जाऐंगे। ऐसा 30 से 40 मीटर दौडें।

  2. कटिंग डिंल्स: दौड़े और दिशा बदलें- तेज गति से 10-15 मीटर सीधा दौडे। अपने दायें पांव पर शरीर को साधे व बायीं तरफ घूम जायें और फिर दौड़े। ऐसा 15 से 20 बार दोहरायें।
  3. “8” की शेप में दौड़े – आप तेज गति से चित्रानुसार श्8श् के अंक की शेप में दौड़े। ऐसा 30-40 मीटर दौड़े, 15 बार दोहरायें। धीरे-धीरे गति बढ़ाये व “8” की साइज को छोटा करते जावें।

6 से 12 महीने- अब आप धीरे-धीरे खेल को पुनः शुरू कर सकते हैं।

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dr. jitesh jain's introduction

TESTIMONIAL

मेरा दाए पैर में  चोट लगने के कारण टेढ़ा हो गया था जिसकी वजह से मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे सीधा किया. में बिलकुल ठीक हूँ .

Bharat Lal

मेरी बेटी के घुटने में इन्फेक्शन होने के कारण वो दर्द की वजह से सो भी नहीं पाती थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे ठीक किया. बहुत धन्यवाद।

Ramji Lal

I remember that Dr. Jain came out from his clinic to see my mother because my mother was not able walk a single step. He did total knee replacement on both side and now my mother is walking without aid.

Mr. Manoj

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ACL Reconstruction is a surgical procedure to reconstruct the ligament in the center of your knee in order to restore its function after an injury.

Arthroscopic surgeries are key hole surgeries for joint disorders. They offer less hospital stay and speedy recovery.

A painful injury where the upper arm bone dislocates out of its normal position with significant damage to the surrounding soft tissues.

A common sports injury which usually happens over time from normal wear and tear of muscles and tendons.

A surgical procedure that involves replacing a damaged, worn or diseased knee with an artificial joint to restore knee’s movement.

We offer latest arthroscopic and minimally invasive single and double row rotator cuff repair in cases of rotator cuff tear.

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