गाउट क्या है?
गाउट जोडों (आर्थराइटिस) की बीमारी है जो रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा के आव्यशकता से अधिक होने के कारण होता है। रक्त में यूरिक एसिड प्रोटीन प्यूरीन के खंडन से बनता है । बीमारियां जैसी की हाइपोथाइरोडिस्म, सोराइसिस, किडनी डिसऑर्डर, कैंसर, अल्कोहल का अधिक सेवन करने से रक्त में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है । कुछ दवाइयां जैसे की डाईयूरेटिक्स (बढे हुए रक्तचाप के लिए सामन्य दवाई) भी रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा को बढ़ा सकती है। अन्य स्तिथियाँ जो रक्त में यूरिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा का कारण बन सकती है वे हैं ट्यूमर लायसिस सिंड्रोम एवं कुछ एंजाइम की विरासती (इनहेरिटेड) कमी जो की शरीर में यूरिक एसिड के खंडन के लिए आवयश्क होते हैं
गाउट में क्या होता है?
लम्बी अवधि तक यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने पर यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोडों के आसपास के टिश्यू (टोफी) में या किडनी में जमा हों जाते हैं। इस कारणवश जोड़ों में सूजन, दर्द, ओर किडनी की पथरी हों जाती है । इसीलिए गाउट के होने के लिए यूरिक एसिड की मात्रा का बढ़ा होना ज़रूरी है , पर सभी मरीजों में मात्रा बढ़ी हुई हों ऐसा ज़रूरी नहीं है । इसके अलावा 5% सामान्य आबादी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ा होता है पर वे गाउट गठिया से पीड़ित नहीं है। गाउट गठिया का दर्द ( सूजे हुए, दर्दनाक एवं संवेदनशील जोड़ ) रक्त में यूरिक स्तर के बहुत बढ़ने के बजाय इसके स्तर के बहुत परिवर्तन( ऊपर नीचे होने से) से ज्यादा होता है इसलिए सामान्य यूरिक एसिड स्तर गाउट की परेशानी के दौरान काफी आम है।
रक्त में यूरिक एसिड का स्तर को मापना क्यों महत्वपूर्ण है?
सीरम का यूरेट स्तर जितना अधिक होगा, उतना अधिक संभावना है कि एक व्यक्ति को गाउट विकसित हो सकता है। इसके अलावा इलाज की शुरुआत के साथ रक्त यूरिक एसिड स्तर नीचे जाना चाहिए ताकि इसकी निगरानी उपचार के प्रभाव का आकलन करने के लिए उपयोग की जा सके।
गठिया के संकेत और लक्षण:
क्रोनिक गाउटी अर्थरोपैथी विकसित होने से पहले एक मरीज में गठिया के कई तीव्र अटैक होते हैं । कई वर्षों के तीव्र अटैक के बाद रोगी में क्रोनिक अर्थरोपैथी विकसित हो जाती है । तीव्र अटैक की पहचान है लाल, संवेदनशील , गर्म, एवं सूजे हुए जोड़ । इन अटेकों का कारण लोकल ट्रॉमा, स्ट्रेस, एक्यूट इलनेस, या अल्कोहलिक बिंज भी हो सकता है। पैर के अंघुटे का पाँव से जोड़ गाउट मैं सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला जोड़ है । अन्य जोड़, जैसे टखना( ankle) हाथों के छोटे जोड़, घुटने और कोहनी भी गाउट मैं प्रभावित हो सकते हैं। क्रोनिक गाउटी अर्थरोपैथी की पहचान है कठोर, दर्दनाक और विकृत जोड़।
पाँव के अंघुटे के जोड़ का गाउट
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TESTIMONIAL
मेरा दाए पैर में चोट लगने के कारण टेढ़ा हो गया था जिसकी वजह से मुझे चलने में भी परेशानी हो रही थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे सीधा किया. में बिलकुल ठीक हूँ .
मेरी बेटी के घुटने में इन्फेक्शन होने के कारण वो दर्द की वजह से सो भी नहीं पाती थी. डॉ जितेश ने ऑपरेशन कर के इसे ठीक किया. बहुत धन्यवाद।
I remember that Dr. Jain came out from his clinic to see my mother because my mother was not able walk a single step. He did total knee replacement on both side and now my mother is walking without aid.
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